29 अक्टूबर 2010

बायोटेक छात्र भी बन सकेंगे डॉक्टर

मुकेश केजरीवाल, नई दिल्ली । अब डॉक्टर बनने के लिए जीव विज्ञान (बायोलॉजी) की पढ़ाई अनिवार्य नहीं रह जाएगी। एमबीबीएस पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए पहली बार जैव प्रौद्योगिकी (बायो टेक्नोलॉजी) विषय को भी उपयुक्त मान लिया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के मुताबिक इससे 11वीं में बायोटेक विषय लेने वाले मौजूदा छात्रों को तो फायदा होगा ही, एक अहम विकल्प उपलब्ध होने से इस विषय में छात्रों का रुझान भी बढ़ेगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के शीर्ष सूत्रों के मुताबिक उच्चतर माध्यमिक स्तर पर अब बायोटेक की पढ़ाई करने
वाले छात्रों को भी एमबीबीएस (बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी) के पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए योग्य माना जाएगा। हालांकि दाखिले के लिए अन्य सभी योग्यताएं पूर्ववत रहेंगी। इसके लिए बहुत जल्दी ही एमसीआइ की ओर से अधिसूचना जारी होने वाली है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव (मानव संसाधन) देबाशीष पांडा के दस्तखत के साथ ही एमसीआइ की इस अधिसूचना को अंतिम मंजूरी भी मिल गई है। अब तक एमसीआइ के दिशानिर्देश के मुताबिक उच्चतर माध्यमिक स्तर पर भौतिकी, रसायनशास्त्र के साथ जीव विज्ञान की पढ़ाई करने वाले छात्रों को ही एमबीबीएस पाठ्यक्रम में दाखिले के योग्य माना जाता था। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस फैसले से पहले सीबीएसई और दूसरे उच्चतर माध्यमिक बोर्ड व मेडिकल कॉलेजों की भी राय ली थी। सीबीएसई के अध्यक्ष विनीत जोशी ने दैनिक जागरण से बातचीत में इस कदम को छात्र, डॉक्टरी के पेशे और मेडिकल कॉलेजों, सभी के लिए फायदेमंद बताया है। जोशी के मुताबिक, बायोटेक पाठ्यक्रम जब सीबीएसई में शुरू हुआ था, उस समय छात्रों ने इसमें काफी दिलचस्पी दिखाई थी। लेकिन, उन्हें ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट (एआइपीएमटी) में नहीं बैठने दिए जाने की वजह से इस विषय की मांग घटती गई।

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